Summer School Holiday: कश्मीर, जिसे आमतौर पर ठंडे मौसम और बर्फीली वादियों के लिए जाना जाता है, इस साल एक अलग ही गर्मी का अनुभव कर रहा है। जून-जुलाई 2025 में राज्य में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर पहुंच गया, जो वहां के लिए बेहद असामान्य माना जा रहा है। यही कारण है कि प्रशासन को स्कूलों में गर्मी की छुट्टियों की घोषणा समय से पहले करनी पड़ी है।
गर्मी की लहर का असर सिर्फ मैदानों में ही नहीं, बल्कि पहाड़ी इलाकों तक भी पहुंच गया है। कश्मीर घाटी में जब तापमान अचानक तेज़ी से बढ़ा, तो स्कूलों में पढ़ रहे छोटे बच्चों की सेहत को लेकर अभिभावकों में चिंता बढ़ गई। इस बढ़ती गर्मी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी सरकारी और निजी स्कूलों के लिए छुट्टियों का ऐलान कर दिया है।
Summer School Holiday – रिकॉर्ड तोड़ गर्मी ने कश्मीर की आबोहवा को बदला
कश्मीर घाटी जो हमेशा से ठंडी हवाओं और हल्के मौसम के लिए जानी जाती रही है, वहां इस बार गर्मी ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, 40 वर्षों में पहली बार ऐसा देखा गया है जब कश्मीर में जून के महीने में 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज किया गया।
इस अचानक आई गर्मी ने बच्चों और बुज़ुर्गों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। कश्मीर जैसे इलाकों में स्कूलों की इमारतें सामान्यतः बिना पंखे या ठंडा करने की व्यवस्था के बनाई जाती हैं, क्योंकि वहां सामान्यत: इसकी जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन इस बार हालात अलग रहे।
कब से शुरू होंगी स्कूलों की छुट्टियाँ?
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि कश्मीर के सभी स्कूलों में 23 जून से लेकर 7 जुलाई 2025 तक गर्मी की छुट्टियाँ रहेंगी। इस दौरान कोई भी कक्षा, परीक्षा या उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी।शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि हालात सामान्य रहने पर स्कूल फिर से खोले जाएंगे, लेकिन यदि हीटवेव का असर जारी रहता है तो छुट्टियाँ बढ़ाई भी जा सकती हैं।
Summer holiday (गर्मी की छुट्टियाँ) बच्चों और शिक्षकों दोनों के लिए इसलिए ज़रूरी होती हैं क्योंकि यह मौसम स्वास्थ्य के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। तेज़ गर्मी और लू से बच्चों को बीमारियों का खतरा रहता है, और स्कूलों में पर्याप्त ठंड की व्यवस्था न होने पर पढ़ाई भी प्रभावित होती है।
अभिभावकों और शिक्षकों ने सरकार के फैसले की तारीफ की
छुट्टियों की घोषणा के बाद अभिभावकों और शिक्षकों दोनों ने सरकार के फैसले की तारीफ की है। उनका कहना है कि यह निर्णय समय रहते लिया गया, जिससे बच्चों की सेहत को खतरे से बचाया जा सकेगा।
पिछले कुछ दिनों से अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने में हिचक दिखाना शुरू कर दिया था। कई स्थानों पर बच्चे गर्मी के कारण बीमार पड़ने लगे थे। इस स्थिति में समय से छुट्टियाँ देना प्रशासन की जिम्मेदारी का परिचायक है।
स्कूलों को क्या दिशा-निर्देश मिले हैं?
शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन को यह निर्देश दिए हैं कि छुट्टियों के दौरान किसी भी प्रकार की ऑनलाइन क्लास, असाइनमेंट या होमवर्क की अपेक्षा न करें। बच्चों को पूरी तरह से आराम का समय दिया जाए ताकि वे गर्मी से उबर सकें और दोबारा स्कूल के लिए मानसिक व शारीरिक रूप से तैयार हो सकें।
बढ़ती गर्मी का कारण क्या है?
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार जम्मू-कश्मीर में गर्मी का कारण पश्चिमी विक्षोभों की कमी, ग्लोबल वॉर्मिंग और लगातार बदलते जलवायु चक्र हैं। देश के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से ऊपर दर्ज किया गया है, और इसका असर पहाड़ी क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है।
स्थानीय लोग क्या कह रहे हैं?
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार इतनी गर्मी का अनुभव किया है। कुछ लोगों ने पुराने समय को याद करते हुए कहा कि कश्मीर में जून-जुलाई के महीने में स्वेटर पहनने की नौबत आती थी, लेकिन अब हालत इतनी बदल गई है कि पंखे और एयर कूलर लगाने की जरूरत महसूस हो रही है।
निष्कर्ष: कश्मीर में अचानक आई इस गर्मी ने यह साफ कर दिया है कि जलवायु परिवर्तन अब एक सच्चाई बन चुका है। ऐसे में सरकार और जनता दोनों को सजग रहना होगा। समय पर उठाए गए कदम जैसे कि स्कूलों में छुट्टियाँ घोषित करना सराहनीय है।

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